वैज्ञानिक अरुण वी होल्डन की रिसर्च के मुताबिक, अंतरिक्ष में बच्चे का जन्म तैरते हुए तरल पदार्थ और मेडिकल चुनौतियों के कारण अत्यधिक जटिल होगा। स्पेस में जन्मे बच्चे को कई स्वास्थ्य-संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। माइक्रोग्रेविटी के कारण मसल्स-हड्डियां कमज़ोर हो जाएंगी। कॉस्मिक रेडिऐशन के कारण डीएनए को नुकसान पहुंच सकता है जिससे दिमाग का विकास प्रभावित होगा।
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शुभम गुप्ता /
08:53 am on
29 Jul