पश्चिमी चंपारण (बिहार) के नौरंगिया गांव में हर साल सभी ग्रामीण एक दिन (वैशाख की नवमी पर) के 'वनवास' पर चले जाते हैं। इस दौरान ग्रामीण जंगल में पूजा-पाठ कर खाना बनाते हैं और सूर्यास्त पर गांव लौटते हैं। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, करीब 100-साल पहले गांव में महामारी व अन्य आपदाएं आती थीं जिसके बाद यह परंपरा शुरू हुई।
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खुशी /
04:45 pm on
06 May