पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवता और असुरों के संघर्ष से सृष्टि में असंतुलन होने पर भगवान विष्णु ने आषाढ़ शुक्ल एकादशी से क्षीर सागर में शेषनाग पर योगनिद्रा धारण की। इस अवधि में सभी देवता विश्राम करते हैं और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते। देवउठनी एकादशी पर विष्णु के जागने के साथ शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।
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31 Oct