बिहार के 17-वर्षीय सिद्धांत सिंह ने पिता के निधन और आर्थिक संकट के बावजूद हार नहीं मानी। बेंगलुरु में परिवार का खर्च संभालते हुए उन्होंने कड़ी मेहनत से IIT BHU में प्रवेश पाया और अपनी फीस खुद चुकाई। ट्रेडिंग, स्टार्टअप, Web3 और प्राइवेट इक्विटी में अनुभव हासिल कर उन्होंने खुद को स्थापित किया। उनकी प्रेरणादायक कहानी संघर्ष की मिसाल है।
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15 Nov