तुलसी वास्तव में वृंदा नाम की पतिव्रता स्त्री थीं, जिनका विवाह असुर जलंधर से हुआ था। जब जलंधर मारे गए तब भगवान विष्णु ने वृंदा को वचन दिया कि वे सदा उनके साथ रहेंगे। तब तुलसी का जन्म हुआ और वह विष्णु-प्रिय बन गईं। देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह उसी दिव्य प्रेम, समर्पण और पवित्रता का उत्सव माना जाता है।
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31 Oct