सरकारी कर्मचारियों की सैलरी सिफारिशों के आधार पर तय होती है। कर्मचारी का पे-स्केल उनके पद, काम की ज़िम्मेदारी, उसकी योग्यता, अनुभव और विभाग पर निर्भर करता है। बेसिक सैलरी पर महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, मेडिकल कवरेज और पेंशन/ एनपीएस/पीएफ योगदान जैसे भत्ते जुड़ते हैं और इस वजह से इन-हैंड सैलरी लगभग 4 गुना बढ़ जाती है।
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आयुषी श्रीवास्तव /
07:45 pm on
20 Nov