कासिम दादा ने वनस्पति घी को देसी घी के सस्ते विकल्प के रूप में भारत में आयात करना शुरू किया था। कासिम दादा अपने उत्पाद को 'दादा वनस्पति' के नाम से बेचते थे जिसके बाद यूनिलीवर ने 'दादा' नाम के अधिकार खरीदे और 'L' जोड़कर इसे 'डालडा' बना दिया। 'डालडा' इतना लोकप्रिय हुआ कि यह वनस्पति घी का पर्याय बना।
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प्रियंका वर्मा /
01:08 pm on
30 May