एबीपी न्यूज़ के मुताबिक, सास की मौत के बाद उसकी वसीयत के अनुसार उसके ज़ेवर बंटते हैं। वसीयत न होने पर ज्वैलरी कानूनी वारिसों (पति/बेटे/बेटियां) में बांटी जाती है। चूंकि बहू कानूनी वारिस नहीं होती, उसे सास के ज़ेवर तभी मिल सकते हैं जब उसका पति अपने हिस्से की ज्वैलरी उसे दे या आपसी सहमति से परिवार उसे दे।
short by
आयुषी श्रीवास्तव /
08:50 pm on
18 Nov