सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत शादियों की कानूनी अनिवार्यताओं को स्पष्ट करते हुए कहा है कि सप्तपदी समेत ज़रूरी रस्मों व संस्कारों के बिना हुईं हिंदू शादियां अमान्य हैं। कोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह एक संस्कार है और सिर्फ प्रमाणपत्र जारी होने से किसी शादी को हिंदू विवाह अधिनियम के तहत मान्यता नहीं मिलती है।
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वेद प्रकाश शर्मा /
11:55 am on
01 May